नुपुर शर्मा पूरा विवाद, आखिर क्या वजह है ,जो नूपुर शर्मा का पुत्तला लटका दिया गया |कौन है नुपुर शर्मा? हिंदी

 




     दोस्तों आखिर क्या वजह है जो ,नूपुर शर्मा का पुतला भरें बाजार मे लटकाया गया ,और क्या वजह है ,जो उनका विरोध देश से लेके दुनिया भर के कई देशों मे हो रहा है |
 

मोहम्मद पेगम्बर पर की थी टिप्पणी ।

नूपुर शर्मा ने  इंडिया टू डे  के साथ  एक डिबेट शो में सामने बैठे पैनलिस्ट मौलाना ने कहा था की " ज्ञानवापी मस्जिद मे मिला ढ़ाचा एक   फुव्वारा है ,और अगर हिन्दू कहते है वो शिवलिंग है , तो इस हिसाब से सड़कों पर लगा हर फुव्वारा एक शिवलिंग है "ऐसा कह कर मौलाना हिंदुओं की भावनाओ को ठेस पहुंचाना चाहता था।
इसका जवाब देते हुए ,नूपुर शर्मा  कहती "आप क्या कह रहे है , मस्जिद में शिवलिंग का मिलना एक सच है और इसका पीछे इतिहास है जिसमे यह पता चलता है कि कैसे मुगलों द्वारा मंदिर को तोड़ के मस्जिद बनाई गई और उसमे उसमें शिवलिंग का होना एक सच है ,  आप शिवलिंग का अपमान कर रहे है ,अगर मे आपको कुरान की असलियत बता दु ,की कैसे मोहम्मद पेगम्बर ने 6 साल की बच्ची आईसा से प्यार किया और 9 साल की उम्र मे उससे शादी की ये लिखा है कुरान मे |इतना कहना ही था की अगले दिन से पूरे देश भर मे हिंसा दंगे बढ़ने लगे 
जिसके बाद कानपुर मे सपा के नेता ने कानपुर बंद का ऐलान किया ,जिसके बाद कानपुर के की इलाकों मे बंदी रही और बंदी अगले जुम्मे तक चली |जिसेक बाद जुम्मे के दिन दोपहर की नमाज के बाद कानपुर मे पथराव ,दंगे और कई जगह हिंसा की घटना सामने आई 

खड़ी देशों ने भारतीय सामनों का बाहिसकार करना शुरू कर दिया 

नूपुर शर्मा के बयान का असर देश से निकाल के दूसरे दशों  तक पहुच गया |जिसेम कतार ,कुवैत ,ईरान,इराक,तुर्की,अफगानिस्तान ,पाकिस्तान जेसे मुस्लिम देश शामिल है \
जिसेम कुछ देशों मे जहा भारतीय प्रोडक्टस का बयकॉट  किया गया तो कुछ देशों मे भारतीय राजदूतों को तलब कर उनसे इस विषय पे जवाब माँगा |जहा कुवैत के फ़ॉरेन मिनिस्टर ने भारतीय राजदूत दिलीप मित्तल से लिखित जवाब माँगा |और भारतीय सरकार से इस विषय पर माफी मांगने तथा इसमे दोषी कार्यकर्ता के खिलाफ जरूरी कार्यवाई करने के मांग की ,इसके बाद इंडियन गवर्नमेंट ने लिखित जवाब दिया और मेमो अपने ट्विटर हेंडले से पब्लिश किया |जिसमे उन्होंने भारत मे सभी धर्मों का सम्मान की जाने की बात कही 
और नूपुर शर्मा द्वारा की बात को उनको व्यक्तिगत मत कहते हुए उन्हे पार्टी से बर्खास्त कर दिया जिसेम नूपुर का साथ देने वे नवीन जिंदल भी शामिल थे जिन्हे दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रवक्ता के पट से हटाया |

आखिर कौन है ,नूपुर शर्मा ?



नूपुर शर्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के क़ानून विभाग से अपनी पढ़ाई की है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में उस वक्त की जब वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं. एबीवीपी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा है.


लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के इंटरनेशनल बिज़नेस लॉ में मास्टर्स करने के बाद वो भारत लौटीं जिसके बाद साल 2011 में उनके राजनीतिक कैरियर का ग्राफ़ तेज़ी से आगे बढ़ने लगा.


अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में स्पष्ट तरीके से अपने नज़रिए को सामने रख सकने की उनकी क्षमता की वजह से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की मीडिया कमिटी में उन्होंने अपनी जगह बनाई.


दो साल बाद जब फिर से चुनाव कराए गए तो वो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ बीजेपी की तरफ से चुनावी अखाड़े में उतारी गईं.


ये ऐसा चुनाव नहीं था जिसमें नूपुर शर्मा से जीतने की उम्मीद की गई थी, लेकिन उनका जोशीला चुनाव अभियान उन्हें एक बार फिर चर्चा के केंद्र में लेकर आया. उन्हें आधिकारिक तौर पर दिल्ली का पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया और फिर 2020 में उन्हें बीजेपी की "राष्ट्रीय प्रवक्ता" बनाया गया.


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